
पुलिस की विशेष जांच टीम ने की किराएदारों और फैक्ट्रियों में काम करने वालों की जांच, संदिग्धों की पहचान के लिए लिया गया बायोमेट्रिक डेटा
दुर्ग-भिलाई क्षेत्र में अवैध रूप से रह रहे प्रवासियों की पहचान के लिए पुलिस ने बुधवार को एक विशेष तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान 474 घरों में दस्तक देकर लोगों की पहचान और दस्तावेजों की गहन जांच की गई। 103 संदिग्धों के फिंगर प्रिंट लिए गए हैं, जिनकी जांच जारी है।
दुर्ग. अवैध प्रवासियों की पहचान के लिए दुर्ग पुलिस ने बुधवार को एक बार फिर विशेष तलाशी अभियान चलाया। अभियान के तहत शहर के विभिन्न इलाकों में फैली कॉलोनियों, फैक्ट्रियों और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में 474 घरों की तलाशी ली गई।
इस दौरान 103 संदिग्ध व्यक्तियों के फिंगर प्रिंट लिए गए, ताकि उनकी पहचान की पुष्टि की जा सके।
यह कार्रवाई विशेष रूप से बांग्लादेशी और रोहिंग्या प्रवासियों की पहचान के मद्देनज़र की गई।
छावनी अनुविभाग के ट्रांसपोर्ट नगर हथखोज और पुरैना में करीब 65 लोगों की जांच हुई, जिनमें से 15 संदिग्धों का बायोमेट्रिक डेटा एकत्रित किया गया।
भिलाई नगर अनुविभाग के कांट्रेक्टर कॉलोनी, पुरानी बस्ती और पांच रास्ता क्षेत्रों में 201 किरायेदारों की जांच की गई। इनमें कोई संदेही नहीं मिला, लेकिन मकान मालिकों को किरायेदारों के पुलिस वेरिफिकेशन की सख्त हिदायत दी गई।
पाटन अनुविभाग के अंतर्गत उतई थाना क्षेत्र में डुमरडीह, महकाकला और औद्योगिक प्रतिष्ठानों जैसे विजय पांडे की आरा मशीन, प्लाईवुड फैक्ट्री और जिंदल प्लाईवुड में भी तलाशी ली गई। यहां 208 लोगों की जांच में 88 व्यक्तियों के फिंगर प्रिंट लिए गए।
इस प्रकार पूरे अभियान में 474 घरों में जांच कर कुल 103 संदिग्धों की पहचान के लिए उनका बायोमेट्रिक रिकॉर्ड दर्ज किया गया। पुलिस का यह अभियान आने वाले दिनों में भी जारी रहने की संभावना है, ताकि राज्य में अवैध प्रवासियों की पहचान कर सख्त कार्रवाई की जा सके।