
दुर्ग में जोरदार प्रदर्शन, कांग्रेस ने बताया भाजपा सरकार की शिक्षा-विरोधी और जनविरोधी नीति; दो लेयर की बैरिकेडिंग तोड़कर मुख्य द्वार पर प्रदर्शन
राज्य में भाजपा सरकार द्वारा युक्तियुक्तकरण के नाम पर 10,463 सरकारी स्कूलों को बंद करने के निर्णय के खिलाफ कांग्रेस ने मंगलवार को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय का घेराव किया। कांग्रेस नेताओं और सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने पुराने बस स्टैंड से पैदल मार्च करते हुए गांधी प्रतिमा होते हुए शिक्षा विभाग कार्यालय तक पहुंचकर जोरदार प्रदर्शन किया और ज्ञापन सौंपा।
दुर्ग। इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व दुर्ग ग्रामीण अध्यक्ष राकेश ठाकुर, दुर्ग शहर अध्यक्ष गया पटेल, और भिलाई शहर अध्यक्ष मुकेश चंद्राकर के संयुक्त नेतृत्व में किया गया। प्रदर्शन में पूर्व विधायक अरुण वोरा, प्रदेश महामंत्री राजेंद्र साहू, महापौर निर्मल कोसरे, महापौर शशि सिन्हा, पूर्व महापौर आरएन वर्मा, और कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शिक्षा विभाग कार्यालय की दो परतों वाली बैरिकेडिंग तोड़ते हुए मुख्य द्वार तक पहुंचकर जोरदार नारेबाज़ी की। भाजपा सरकार और शिक्षा मंत्री के खिलाफ जमकर विरोध दर्ज कराया गया।
“स्कूल बंद, बेरोजगारी बढ़ाने की साजिश” – कांग्रेस
राकेश ठाकुर ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार शिक्षा के नाम पर केवल कॉरपोरेट हितों को साध रही है। उन्होंने कहा कि स्कूल बंद होने से 45,000 से अधिक शिक्षक, रसोइया, चपरासी, महिला समूह, और सहायक कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इससे गरीब छात्रों को निजी स्कूलों में पढ़ने के लिए मजबूर किया जाएगा, जिससे 450 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पालकों पर पड़ेगा और निजी स्कूलों को फायदा होगा।
“गरीब, आदिवासी और ग्रामीण बच्चों की शिक्षा पर हमला” – अरुण वोरा
पूर्व विधायक अरुण वोरा ने कहा कि यह निर्णय गरीब और अनुसूचित क्षेत्रों के बच्चों की शिक्षा को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करेगा। उन्होंने इसे निजी स्कूलों को बढ़ावा देने की एक सुनियोजित चाल बताया।
“शराब दुकानें खोलने में रुचि, स्कूल बंद करने में तत्परता”
मुकेश चंद्राकर और राजेंद्र साहू ने सरकार पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि जहां एक ओर सरकार नई-नई शराब दुकानें खोल रही है, वहीं दूसरी ओर शिक्षण संस्थानों को बंद कर युवाओं का भविष्य अंधेरे में धकेल रही है। राजेंद्र साहू ने यह भी कहा कि भाजपा सरकार शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 को खत्म करने की ओर बढ़ रही है और आत्मानंद स्कूलों की उपेक्षा कर रही है, जिनके शिक्षक पद तक भरे नहीं जा रहे।
ज्ञापन सौंपकर दी चेतावनी
प्रदर्शन के अंत में कांग्रेस नेताओं ने शिक्षा विभाग को ज्ञापन सौंपा और इस तानाशाही फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की। साथ ही चेतावनी दी कि यदि निर्णय नहीं बदला गया, तो यह आंदोलन और तेज़ किया जाएगा।
प्रदर्शन में शामिल प्रमुख नेता और कार्यकर्ता: अश्वनी साहू, राजीव गुप्ता, अलताफ अहमद, संजय कोहले, दीपक साहू, हाजी इस्माइल, रिवेंद्र यादव, सुमित वोरा, सौरभ ताम्रकार, तिलक राजपूत, विकास सापेकर, निकिता मिलिंद, कन्या ढीमर, विजेंद्र भारद्वाज, महेंद्र वर्मा, प्रमोद राजपूत, शिव वर्मा, प्रकाश ठाकुर, उमाकांत चंद्राकर, योगिता चंद्राकर, निकिता मिलिंद, समेत सैकड़ों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे।