
संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक में लंबित मामलों पर चर्चा, गैर-शैक्षणिक कार्यों में लगे शिक्षकों को स्कूलों में लौटाने के निर्देश, नशे के खिलाफ चलेगा जागरूकता अभियान
दुर्ग संभाग के आयुक्त एस.एन. राठौर ने सोमवार को सभी जिलों के अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रशासनिक कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने विशेष रूप से स्कूलों के आसपास नशे के सामान की बिक्री को लेकर चिंता जताई और संबंधित दुकानों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। साथ ही, शिक्षा विभाग से जुड़े कई अहम निर्णय लिए गए जिनका उद्देश्य छात्रों की सुरक्षा और शिक्षा व्यवस्था को पारदर्शी बनाना है।
दुर्ग। दुर्ग संभाग आयुक्त एस.एन. राठौर ने संभाग स्तरीय अधिकारियों की बैठक में विभिन्न लंबित मामलों की समीक्षा करते हुए स्कूलों के आसपास बिक रहे नशे के सामान को लेकर सख्त रुख अपनाया। उन्होंने सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसे सभी दुकानों की पहचान कर उन्हें तुरंत हटाया जाए और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
संभाग कार्यालय में हुई इस बैठक में स्कूल शिक्षा, सहकारिता, राजस्व, जल संसाधन सहित कई विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। आयुक्त राठौर ने शिक्षा विभाग से कहा कि एनसीसी, एनएसएस और स्काउट गाइड के माध्यम से नशा मुक्ति जागरूकता अभियान चलाया जाए, ताकि बच्चों को नशे से दूर रखा जा सके।
शिक्षा से जुड़े अहम निर्देश:
- छात्रों के आय, जाति, निवास और जन्म प्रमाण पत्र स्कूल स्तर पर ही तैयार कराए जाएं, जिससे बच्चों को सरकारी योजनाओं का लाभ समय पर मिल सके।
- शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों में अटैच करना बंद किया जाए और जो शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर हैं, उन्हें उनके मूल विद्यालयों में वापस भेजा जाए।
- यदि शिक्षकों का अटैचमेंट समाप्त नहीं किया गया, तो संबंधित शिक्षा अधिकारियों को जिम्मेदार माना जाएगा।
- युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती जाए और सभी निर्णय स्पष्ट आधार पर हों।
प्रशासनिक कार्यों पर भी हुआ फोकस:
- “सुशासन तिहार” के तहत मिले सभी आवेदन 100% निराकृत किए जाएं।
- पंचायत स्तर पर सरकारी समितियों के गठन की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश।
नवनिर्मित सरकारी भवनों को समय पर संबंधित विभागों को हैंडओवर किया जाए ताकि इनका जल्द उपयोग हो सके।