
लोकसभा में तकनीकी नवाचार की पहल; 12 भाषाओं में उपलब्ध होंगे एजेंडा और कार्यदिवस के दस्तावेज, आम नागरिकों को भी मिलेगा लाभ
लोकसभा की कार्यवाही अब और अधिक डिजिटल और पारदर्शी बनने जा रही है। मानसून सत्र से सांसद पारंपरिक हस्ताक्षर की बजाय MMD (मल्टी-मोडल डिवाइस) के जरिए अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे। साथ ही, देश की विविध भाषाओं में एजेंडा और कार्यवृत्त रीयल टाइम में ऑनलाइन उपलब्ध होंगे।
नई दिल्ली। लोकसभा की कार्यवाही में डिजिटल परिवर्तन की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए संसद सचिवालय ने घोषणा की है कि आगामी मानसून सत्र से सांसद MMD यानी मल्टी-मोडल डिवाइस के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज कर सकेंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को जानकारी दी कि यह पहल लोकसभा अध्यक्ष के नेतृत्व में पारदर्शिता, समावेशिता और तकनीकी सुलभता को बढ़ाने के उद्देश्य से की जा रही है।
उन्होंने बताया कि अब सांसदों को रजिस्टर में हस्ताक्षर करने की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि वे डिजिटल प्रणाली से अपनी हाजिरी दर्ज करा सकेंगे। यह प्रणाली न केवल समय की बचत करेगी, बल्कि कार्यवाही को भी और अधिक व्यवस्थित बनाएगी।
इसके साथ ही, लोकसभा सचिवालय अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित टूल्स की मदद से संसद की कार्यसूची, प्रश्नोत्तर और एजेंडा जैसे दस्तावेज़ कुल 12 भाषाओं—असमिया, बंगाली, अंग्रेज़ी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, मराठी, उड़िया, पंजाबी, तमिल और तेलुगु में तैयार कर रहा है।
इन दस्तावेजों को संसद पोर्टल https://sansad.in पर रीयल-टाइम में अपलोड किया जा रहा है, जिससे न केवल सांसदों को बल्कि देशभर के आम नागरिकों को भी संसदीय कार्यवाही की जानकारी तुरंत और अपनी भाषा में प्राप्त हो रही है। यह कदम संसदीय लोकतंत्र को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।