
भूमि सर्वेक्षण प्रक्रिया को सटीक और पारदर्शी बनाने पर सहमति, राजस्व मामलों के त्वरित निराकरण के निर्देश
छत्तीसगढ़ में भूमि अभिलेख प्रणाली को अधिक पारदर्शी, सटीक और जनहितैषी बनाने की दिशा में एक और कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मंगलवार को भारत सरकार के भूमि संसाधन विभाग के सचिव मनोज जोशी ने मुलाकात की। इस दौरान तकनीक आधारित सुधार, डिजिटल सर्वेक्षण और राजस्व मामलों के शीघ्र समाधान पर विचार-विमर्श हुआ।
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मंगलवार को विधानसभा परिसर स्थित उनके कार्यालय में भारत सरकार के भूमि संसाधन विभाग के सचिव मनोज जोशी ने सौजन्य भेंट की। इस अवसर पर भू-अभिलेखों के डिजिटलीकरण, तकनीकी नवाचारों के उपयोग से भूमि सर्वेक्षण प्रक्रिया को तेज़ और सटीक बनाने, तथा राजस्व न्यायालयों में लंबित मामलों के शीघ्र समाधान जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई। इस महत्वपूर्ण बैठक में राज्य के राजस्व मंत्री श्री टंकाराम वर्मा भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार भू-राजस्व दस्तावेजों को अद्यतन और व्यवस्थित करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि जितने बेहतर और अद्यतन भू-अभिलेख होंगे, उतनी ही आसानी से राजस्व से जुड़े विवादों का समाधान हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि भूमि अभिलेखों में पारदर्शिता और विश्वसनीयता लाने के लिए केंद्र सरकार की हर पहल में राज्य सरकार सक्रिय भागीदारी निभाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र द्वारा लाए जा रहे तकनीकी नवाचारों से भूमि संबंधी जानकारी अधिक पारदर्शी, तेज़ और सटीक हो रही है, जिसका सीधा लाभ किसानों और आम नागरिकों को मिलेगा। उन्होंने राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस दिशा में त्वरित कार्रवाई करें और तकनीकी उपायों को ज़मीनी स्तर तक लागू करें।
इस अवसर पर सचिव मनोज जोशी ने छत्तीसगढ़ में भू-अभिलेखों की वर्तमान स्थिति की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार के सक्रिय सहयोग से भूमि प्रबंधन प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पहले पारंपरिक सर्वेक्षण में समय अधिक लगता था, लेकिन अब ड्रोन एवं डिजिटल तकनीकों के माध्यम से यह कार्य कहीं अधिक तेज़, सटीक और भरोसेमंद हो गया है।
उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र सरकार राज्यों को वित्तीय और तकनीकी सहयोग देकर भू-अभिलेखों की स्थिति सुधारने का निरंतर प्रयास कर रही है। डिजिटल मैपिंग के जरिए भूमि खरीद-बिक्री के दौरान उत्पन्न होने वाली समस्याओं को प्रभावी ढंग से सुलझाया जा सकता है। इससे न केवल प्रत्येक नागरिक को प्रमाणिक और अद्यतन नक्शा मिलेगा, बल्कि गड़बड़ियों में भी कमी आएगी और शहरी नियोजन को गति मिलेगी।
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, भारत सरकार के संयुक्त सचिव श्री कुणाल सत्यार्थी, राज्य के राजस्व सचिव श्री अविनाश चंपावत, भू-अभिलेख संचालक श्री विनीत नंदनवार सहित अन्य विभागीय अधिकारी भी उपस्थित रहे।