
सावन में पुण्य अवसर, पं. प्रदीप मिश्रा के दिव्य प्रवचनों से गुंजायमान हुआ शिवधाम; श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा
भिलाई | विशेष प्रतिनिधि
श्रावण मास की शिवमय छांव में भिलाई एक बार फिर पुण्य, भक्ति और श्रद्धा का केंद्र बन गया। बुधवार से सिविक सेंटर स्थित जयंती स्टेडियम मैदान में शिवमहापुराण कथा की भव्य शुरुआत हुई, जिसमें अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की दिव्य वाणी सुनने हजारों श्रद्धालु जुटे।
शिवपंथ के गूढ़ रहस्यों से जनमानस को परिचित कराते हुए पं. मिश्रा ने कहा, “जहां शिवकथा होती है, वहां सात दिनों तक स्वयं शिव परिवार सहित निवास करते हैं।” उन्होंने इस अवसर पर आयोजनकर्ता बोल बम सेवा समिति और दया सिंह के प्रयासों की मुक्तकंठ से प्रशंसा की।
भक्ति का सागर, कथा का प्रसार
जैसे ही मंच पर पं. मिश्रा ने प्रवचन आरंभ किया, संपूर्ण वातावरण शिवमय हो गया। श्रद्धा से झुके सिर, मंत्रोच्चार, रुद्राक्ष की माला और भावविभोर आंखें — यह दृश्य किसी कैलाशधाम से कम न था।
पं. मिश्रा ने कहा, “श्रावण की स्कंद षष्ठी पर शिव पुत्र कार्तिकेय को वरदान मिले थे। आज का दिन शिव कृपा का द्वार खोलता है।” उन्होंने सरल उपाय बताए — “यदि परिवार में क्लेश हो, तो स्कंद भगवान को जल, बेलपत्र और दुर्वा अर्पित करें — शांति स्वतः लौट आएगी।”
कथा में पहुंचे प्रमुख अतिथि
कथा के शुभारंभ अवसर पर पूर्व गृहमंत्री रामसेवक पैकरा, पूर्व मंत्री पूनम चंद्राकर, रमशीला साहू, डॉ. रमन सिंह की धर्मपत्नी वीणा सिंह सहित अनेक गणमान्य अतिथि एवं श्रद्धालु उपस्थित रहे। सभी ने शांत भाव से कथा श्रवण किया और आयोजन की भूरि-भूरि सराहना की।
शिवकथा केवल कथा नहीं, जीवन मंत्र है
पं. मिश्रा ने जीवन में श्रद्धा और धैर्य की भूमिका पर ज़ोर देते हुए कहा, “चाय पीते समय जीभ जलती है, फिर भी नहीं छोड़ते। तो असफलता से डरकर जीवन के प्रयास क्यों छोड़ें? प्रयास करते रहो, शिवजी की कृपा अवश्य मिलेगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि “भव्य महल या आलीशान बंगला नहीं, प्रेम और शांति वाला छोटा घर भी स्वर्ग होता है।”
श्रद्धालुओं की अनुभव गाथाएं बनीं प्रेरणा
कथा के दौरान अनेक श्रद्धालुओं ने पत्रों के माध्यम से शिव कृपा की अनुभूतियां साझा कीं।
- रामेश्वरी साहू (दुर्ग) — 15 वर्षों बाद शिव कृपा से संतान प्राप्ति
- योगिता शर्मा (राजिम) — बेटे को UPSC में चयन
- हेमा चंद्राकर (दुर्ग) — किराए से दो-दो मकान तक का सफर
- एक महिला (तुमसर, महाराष्ट्र) — बेटे की इंडियन आर्मी में नियुक्ति
आगे सात दिन भक्ति की निर्झर धारा बहेगी
शिवमहापुराण कथा का आयोजन आगामी सात दिनों तक प्रतिदिन सुबह से संध्या तक चलेगा। कथा सुनने हेतु श्रद्धालु आसपास के शहरों और गांवों से भी भारी संख्या में पहुंच रहे हैं। आयोजकों ने सभी श्रद्धालुओं से संयम, सेवा और स्वच्छता बनाए रखने की अपील की है।