
रायपुर मार्ग की 48% रद्द सेवाएँ, 11,733 ट्रेनें लेट; रेलवे को नहीं मालूम कितने यात्री प्रभावित
RTI खुलासा: रद्द टिकटों से रायपुर डिवीजन को महीने के 16 करोड़ रुपये का नुकसान, पर यात्रियों को मिला सिर्फ 3 लाख रिफंड
रायपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (SECR) की लगातार ट्रेन रद्दी और देरी ने छत्तीसगढ़ के यात्रियों को परेशानी में डाल दिया है। अप्रैल से जून 2025 के बीच 1,994 ट्रेनें कैंसिल हुईं, जिनमें से 48% (911 ट्रेनें) अकेले रायपुर मार्ग की थीं। इसके अलावा 11,733 ट्रेनें लेट चलीं, लेकिन हैरानी की बात यह है कि रेलवे के पास इससे प्रभावित यात्रियों का कोई आँकड़ा नहीं है। रक्षाबंधन से पहले बिलासपुर ज़ोन की चार पैसेंजर ट्रेनें (बिलासपुर-टिटलागढ़, रायपुर-टिटलागढ़ आदि) 6-15 अगस्त तक रद्द की गई हैं, जिससे यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
आर्थिक नुकसान बड़ा, रिफंड नगण्य:
- RTI रिपोर्ट के मुताबिक, रायपुर डिवीजन को टिकट रद्दी से हर महीने 16 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।
- लेकिन SECR मुख्यालय ने तीन महीने में यात्रियों को सिर्फ 3.05 लाख रुपये रिफंड दिया।
- रिफंड के आँकड़े अस्पष्ट: कितना रिफंड ट्रेन रद्दी के कारण दिया गया और कितना यात्रियों की स्वैच्छिक कैंसिलेशन के लिए, यह ज्ञात नहीं।
SECR ने RTI के जवाब में स्वीकार किया कि उसके पास न तो प्रभावित यात्रियों का रिकॉर्ड है और न ही रद्द ट्रेनों से जुड़े रिफंड का स्पष्ट ब्योरा। विडंबना यह है कि रायपुर डिवीजन में हर महीने 1.68 लाख से अधिक टिकटें रद्द हो रही हैं।
यात्रियों की पीड़ा:
- रोजाना कामकाज के लिए निर्भर यात्री (मजदूर, छात्र, किसान) सबसे ज्यादा प्रभावित।
- लेटलतीफी के कारण महिलाओं और बुजुर्गों को असुरक्षित स्थितियों में इंतजार करना पड़ता है।
- त्योहारी सीजन में अचानक ट्रेन रद्दी से वैकल्पिक यात्रा विकल्प न होना मुख्य समस्या।
SECR प्रबंधन ने इस संकट पर अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। सूत्रों के मुताबिक, ट्रैक मरम्मत, कर्मचारियों की कमी और रोलिंग स्टॉक में खराबी प्रमुख कारण बताए जा रहे हैं, लेकिन समाधान के लिए कोई ठोस कार्ययोजना नहीं दिख रही। छत्तीसगढ़ में SECR नेटवर्क राज्य की जीवनरेखा है। रायपुर डिवीजन राज्य के 85% आंतरिक यातायात को संभालता है, लेकिन बुनियादी ढाँचे की उपेक्षा से सेवाएँ बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।