
10 अगस्त से 14 अगस्त तक पूरे देश में निकलेगी यात्रा, ऑपरेशन सिंदूर की वीरगाथा को जन-जन तक पहुंचाने की तैयारी
भारत के सैन्य पराक्रम ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और स्वतंत्रता दिवस से पहले राष्ट्रभाव को जागृत करने के उद्देश्य से भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर देशव्यापी तिरंगा यात्रा निकालने जा रही है। यह यात्रा न केवल देशभक्ति का प्रतीक होगी, बल्कि इसमें युद्ध नायकों और शहीद परिवारों के प्रति सम्मान भी समर्पित किया जाएगा।
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी 10 से 14 अगस्त के बीच राष्ट्रव्यापी तिरंगा यात्रा का आयोजन करेगी, जिसका उद्देश्य ऑपरेशन सिंदूर की गौरवगाथा को आमजन तक पहुंचाना और राष्ट्रीय एकता का संदेश फैलाना है। यात्रा के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य भाजपा नेताओं के संसद में दिए गए भाषणों को जनता के बीच प्रसारित किया जाएगा, ताकि देश की सुरक्षा नीति और सैनिकों के अदम्य साहस से नागरिक अवगत हो सकें।
यह तिरंगा यात्रा भाजपा द्वारा मई माह में संपन्न ऑपरेशन सिंदूर के तुरंत बाद आयोजित की गई यात्रा के बाद दूसरी बड़ी राष्ट्रवादी पहल है। इस बार यात्रा को और अधिक व्यापक बनाया गया है, जिसमें देशभर के सभी मंडलों को शामिल किया गया है।
यात्रा के दौरान युद्ध नायकों और शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया जाएगा। इसके साथ ही भाजपा कार्यकर्ता सीमावर्ती चौकियों पर जाकर सुरक्षाबलों का उत्साहवर्धन करेंगे। ऐतिहासिक स्वतंत्रता संग्राम स्थलों और युद्ध स्मारकों पर विशेष स्वच्छता अभियान भी चलाया जाएगा।
हर घर तिरंगा अभियान के तहत 13 से 15 अगस्त तक सभी घरों, संस्थानों और दुकानों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने का आह्वान किया गया है। इस अभियान को राष्ट्रव्यापी जनभागीदारी के रूप में देखा जा रहा है।
वहीं 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर भाजपा मौन जुलूस निकाल कर भारत विभाजन के दौरान मारे गए निर्दोष लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करेगी।
यात्रा की प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक राज्य में एक संयोजक और तीन सदस्यीय समिति का गठन किया जाएगा। पार्टी महासचिव सुनील बंसल को इसका राष्ट्रीय संयोजक नियुक्त किया गया है। सभी प्रदेश इकाइयों को निर्देशित किया गया है कि वे एक सप्ताह के भीतर अपनी राज्य स्तरीय समितियाँ गठित कर लें।
इस आयोजन को आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा की एक प्रमुख रणनीतिक पहल के रूप में देखा जा रहा है, जिसका उद्देश्य राष्ट्रवाद को राजनीतिक संवाद के केंद्र में लाना है।