
रायपुर | छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की न्यायिक रिमांड आज पूरी हो रही है। उन्हें रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने संकेत दिए हैं कि वह अदालत से एक बार फिर कस्टोडियल रिमांड की मांग करेगा।
चैतन्य बघेल को 18 जुलाई को ED ने भिलाई से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई से इनकार कर दिया और हाईकोर्ट जाने की सलाह दी। इसके बाद उनके वकील हर्षवर्धन परगनिहा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
ED का दावा : घोटाले की रकम से चैतन्य को 16.70 करोड़
ED का कहना है कि शराब घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग के पूरे नेटवर्क से चैतन्य बघेल को 16.70 करोड़ रुपए दिए गए। यह रकम रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में लगाई गई, ताकि ब्लैक मनी को वैध रूप दिया जा सके। एजेंसी का आरोप है कि इस पूरे घोटाले में करीब 1000 करोड़ रुपए की हेराफेरी की गई।
ED की जांच में सामने आया है कि बघेल डेवलपर्स का विट्ठल ग्रीन प्रोजेक्ट सीधे तौर पर इस घोटाले से जुड़ा है। दस्तावेज़ों के अनुसार इस प्रोजेक्ट में 7.14 करोड़ रुपए का निवेश दिखाया गया, जबकि वास्तविक खर्च 13-15 करोड़ रुपए था। छापेमारी में बरामद डिजिटल डिवाइसेस से पता चला कि एक ठेकेदार को 4.2 करोड़ रुपए कैश में दिए गए, जिसकी एंट्री रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है। मामले ने प्रदेश की राजनीति को गरमा दिया है। कांग्रेस का कहना है कि यह कार्रवाई “राजनीतिक प्रतिशोध” है, वहीं भाजपा का कहना है कि ED ने “भ्रष्टाचार का असली चेहरा” उजागर किया है। अदालत में सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की नज़रें रिमांड को लेकर होने वाले फैसले पर टिकी हैं।