
कांग्रेस का आरोप—संविधान के अनुच्छेद 164(1क) का उल्लंघन; याचिका में मुख्यमंत्री और सभी मंत्रियों को बनाया पक्षकार, शुक्रवार को सुनवाई संभव
छत्तीसगढ़ की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। हाल ही में तीन नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल करने के बाद राज्य में मंत्रियों की संख्या 14 हो गई है। कांग्रेस ने इस नियुक्ति को असंवैधानिक बताते हुए हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है। जनहित याचिका में मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्रियों को पक्षकार बनाया गया है, जिस पर शुक्रवार को सुनवाई होने की संभावना है।
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। बीते दिनों हुए शपथ ग्रहण के बाद अब कैबिनेट में कुल 14 मंत्री शामिल हो चुके हैं। कांग्रेस का कहना है कि यह संख्या विधानसभा की कुल सीटों के 15 प्रतिशत से अधिक है, जो संविधान के अनुच्छेद 164(1क) का उल्लंघन है।
राज्य में विधानसभा की कुल सीटें 90 हैं। इस आधार पर अधिकतम मंत्रियों की संख्या 13.50 यानी 13 हो सकती है। मगर 20 अगस्त को तीन नए मंत्री बनाए जाने के बाद मंत्रिमंडल का आकार 14 पहुंच गया है। इसी मुद्दे को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ता बसदेव चक्रवर्ती ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इसमें सामान्य प्रशासन विभाग, मुख्यमंत्री और सभी मंत्रियों को पक्षकार बनाया गया है। मामले की सुनवाई शुक्रवार को होने की संभावना है।
दूसरी ओर, भाजपा कांग्रेस के आरोपों को खारिज कर रही है। भाजपा नेताओं का कहना है कि इसी तरह का मामला हरियाणा में सामने आ चुका है और वहां लागू फॉर्मूले के आधार पर छत्तीसगढ़ में भी 14 मंत्रियों की नियुक्ति वैध है।