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रामनगर में किसानों के आंदोलन के बीच बोले कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री, कहा— खुद की भी 12 एकड़ जमीन गई, लेकिन कानून तोड़े बिना ही होगा समाधान।
नई दिल्ली ए। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने गुरुवार को भूमि अधिग्रहण विरोधी किसानों से संवाद करते हुए कहा कि वे पूर्व सीएम बी.एस. येदियुरप्पा की तरह जेल नहीं जाना चाहते। उन्होंने भरोसा दिलाया कि किसानों को न्यायोचित और बेहतर मुआवजा दिलाने के लिए सरकार हरसंभव प्रयास करेगी। शिवकुमार ने यह भी खुलासा किया कि औद्योगिक क्षेत्र के विस्तार में उनकी खुद की 12 एकड़ जमीन अधिग्रहित हो चुकी है।
रामनगर में भूमि अधिग्रहण को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार पहुंचे और खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि वे किसी भी हाल में कानून का उल्लंघन करके पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा जैसी स्थिति (जेल) में नहीं पहुंचना चाहते।
डिप्टी सीएम ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र के लिए जब जमीनें अधिग्रहित की गई थीं, तब उनकी खुद की भी 12 एकड़ जमीन ली गई थी और उन्हें 8 लाख रुपये से भी कम मुआवजा मिला था। अब सरकार किसानों को बेहतर मुआवजा देने के लिए 10,000 करोड़ रुपये तक का कर्ज लेने पर विचार कर रही है।
उन्होंने किसानों से सवाल किया कि जब पहले 9,600 एकड़ जमीन में से 912 एकड़ उद्योगों को दी गई थी और प्रति एकड़ 1 करोड़ रुपये से ज्यादा मुआवजा तय हुआ था, तब विरोध क्यों नहीं हुआ? अब अचानक आंदोलन क्यों?
शिवकुमार ने स्पष्ट किया कि वह किसी भी स्थिति में अधिग्रहण की अधिसूचना रद्द नहीं कर सकते। उन्होंने कहा— “मैं सिर्फ बिदादी क्षेत्र के लिए अलग से फैसला नहीं ले सकता, ऐसा करने से कानून का उल्लंघन होगा।”
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मुआवजा अधिसूचना की तारीख के अनुसार ही तय होता है, लेकिन नाइस रोड और पेरिफेरल रिंग रोड परियोजना में किसानों को और अधिक लाभ दिया गया है। इसी तरह की व्यवस्था यहां भी की जाएगी।
इस दौरान शिवकुमार ने केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि कुमारस्वामी का यह दावा झूठा है कि भूमि अधिग्रहण रद्द किया गया था। यदि ऐसा संभव है तो अब जब वे केंद्रीय मंत्री हैं, खुद ही अधिग्रहण रद्द कर दें।
शिवकुमार ने किसानों से अपील की कि वे भ्रम में न रहें और आश्वस्त रहें कि सरकार उनकी पूरी मदद करेगी, लेकिन सब कुछ कानून और न्यायालय के आदेशों की मर्यादा में रहकर ही होगा।