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रायपुर में कंवर समाज युवा प्रभाग ने मनाया भादो एकादशी व्रत करमा तिहार
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आदिवासी परंपराओं को बताया समाज की एकजुटता का प्रतीक
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ट्राइबल म्यूजियम के शुभारंभ के लिए पीएम मोदी को आमंत्रण
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि हमारी संस्कृति और परंपरा हमारे पूर्वजों की अमूल्य धरोहर हैं, जिन्हें जीवंत बनाए रखना हर समाज की जिम्मेदारी है। वे नवा रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में छत्तीसगढ़ आदिवासी कंवर समाज युवा प्रभाग द्वारा आयोजित प्रकृति पर्व भादो एकादशी व्रत करमा तिहार कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि भारतीय संस्कृति की आत्मा हमारी परंपराओं और पर्वों में बसती है। इन्हें जीवंत बनाए रखना न केवल हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है, बल्कि नैतिक कर्तव्य भी है। वे विगत दिवस नवा रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में छत्तीसगढ़ आदिवासी कंवर समाज युवा प्रभाग रायपुर द्वारा आयोजित प्रकृति पर्व भादो एकादशी व्रत करमा तिहार कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने पारंपरिक विधान से पूजा-अर्चना कर कार्यक्रम की शुरुआत की और कहा कि करमा पर्व आदिवासी समाज को एकजुट होने का अवसर देता है। यह पर्व न केवल स्नेह और सद्भाव का संदेश देता है, बल्कि सामाजिक समरसता का भी प्रतीक है। उन्होंने कहा कि एकादशी का करमा तिहार विशेष रूप से कुंवारी बेटियों का पर्व है, जिसमें बेटियाँ भगवान शिव और माता पार्वती से उत्तम वर और सुखी गृहस्थ जीवन की कामना करती हैं।
साय ने आगे बताया कि आदिवासी समाज में दशहरा करमा और जियुत पुत्रिका करमा जैसे पर्व भी महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। इनमें माताएँ अपने बच्चों के दीर्घायु जीवन और बेटियाँ अपने गृहस्थ सुख की कामना करती हैं। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी समाज के योगदान को भी याद किया और बताया कि छत्तीसगढ़ में अंग्रेजों के विरुद्ध 12 आदिवासी क्रांतियाँ हुई थीं।
उन्होंने कहा कि नया रायपुर स्थित ट्राइबल म्यूजियम में आदिवासी नायकों की गाथाओं को प्रदर्शित किया जा रहा है, जिसका शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी रजत जयंती समारोह में करेंगे। मुख्यमंत्री ने अटल बिहारी वाजपेयी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आदिवासी समाज के उत्थान के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए बताया कि आज जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान और पीएम जनमन योजना से आदिवासी समाज लाभान्वित हो रहा है।
साय ने कहा कि युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने और आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए नई उद्योग नीति लागू की गई है। इसके तहत बस्तर और सरगुजा जैसे आदिवासी अंचलों को विशेष रियायतें दी गई हैं। वहीं, शिक्षा के क्षेत्र में भी राज्य में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं की स्थापना की जा रही है।
इस अवसर पर वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में आदिवासी संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। उन्होंने बस्तर पांडुम ओलंपिक का उल्लेख करते हुए कहा कि इस आयोजन ने आदिवासी खेलों को नई पहचान दी है।
अखिल भारतीय कंवर समाज विकास समिति पमशाला, जशपुर की संरक्षक कौशिल्या साय ने कहा कि आदिवासी समाज और प्रकृति एक-दूसरे के अभिन्न अंग हैं। करमा पर्व प्रकृति प्रेम का उत्सव है, जिसे महिलाएँ समाज के संरक्षण और संवर्धन में अग्रणी भूमिका निभाकर और अधिक सशक्त बना सकती हैं।