
AI तकनीक से होगा ऑपरेशन, बॉर्डर सील कर दोनों ओर से घेरने की रणनीति, केंद्रीय एजेंसियों और राज्यों में बनी साझा कार्ययोजना
नक्सलवाद के खात्मे के लिए केंद्र सरकार ने अब हाईटेक जंग छेड़ दी है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य तय किया है। इसी मिशन के तहत छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, ओडिशा और तेलंगाना के अफसरों ने रणनीतिक बैठक कर ऑपरेशन तेज करने का फैसला लिया। अगला बड़ा टारगेट माओवादी कमांडर हिड़मा और मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल 43 नक्सली लीडर होंगे।
रायपुर। नक्सलियों पर निर्णायक कार्रवाई के लिए केंद्र और राज्य सरकारें अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से ऑपरेशन चलाएंगी। नया रायपुर स्थित एक निजी रिसॉर्ट में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन की अगुवाई में करीब साढ़े तीन घंटे तक चली बैठक में नक्सल प्रभावित राज्यों के डीजीपी, सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, आईबी, एनआईए और गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक में तय हुआ कि अब सभी अभियान पूरी तरह इंटेलिजेंस बेस्ड होंगे। आईबी से मिले इनपुट्स के आधार पर फोर्स को मूव किया जाएगा। जंगल और सीमावर्ती इलाकों में छिपे नक्सलियों को घेरकर खत्म करने की रणनीति पर जोर दिया गया। अधिकारियों का मानना है कि राज्यों के बीच बेहतर समन्वय और समय पर सूचना साझा करने से नक्सली किसी भी क्षेत्र में सुरक्षित पनाह नहीं पा सकेंगे।
सूत्रों के अनुसार, जवानों को हाईटेक उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे और AI, साइबर क्राइम, फील्ड क्राफ्ट, आतंकरोधी रणनीति और कानून-व्यवस्था से जुड़े विशेष प्रशिक्षण दिए जाएंगे। इससे वे आधुनिक तकनीक से लैस होकर नक्सलियों का मुकाबला कर सकेंगे।
लाल आतंक के खिलाफ तैयार की गई मोस्ट वांटेड लिस्ट में कुल 43 नक्सली शामिल हैं। इनमें छत्तीसगढ़ से 25, तेलंगाना से 4, आंध्रप्रदेश से 5, कर्नाटक से 2, ओडिशा से 3 और झारखंड से 4 नक्सली लीडर हैं। सूची में मुपल्ला लक्ष्मण राव, मलोजुल्ला, मिशिर बेसरा, माड़वी हिड़मा और थिप्पारी तिरुपति जैसे कुख्यात नाम शामिल हैं।