
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किया उद्घाटन, मरीजों को मिलेगा अत्याधुनिक उपचार — एम्स में बनेगा परिजन निवास, मेकाहारा में भी शुरू होगी सुविधा
राजधानी रायपुर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में मध्य भारत के शासकीय स्वास्थ्य संस्थानों का पहला रोबोटिक सर्जिकल सिस्टम ‘देव हस्त’ स्थापित कर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रविवार को इसका शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने इसे छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य सेवाओं के विकास की दिशा में ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए कहा कि यह प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र की जनता के लिए बेहतर और अत्याधुनिक इलाज का मार्ग प्रशस्त करेगा।
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायपुर के टाटीबंध स्थित एम्स रायपुर में ‘देव हस्त’ रोबोटिक सर्जिकल सिस्टम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में चिकित्सा सुविधाओं के विकास में यह एक नया आयाम है। मुख्यमंत्री ने स्वयं इस सिस्टम पर पहला ड्राई लैब डिसेक्शन कर औपचारिक शुरुआत की। यह सिस्टम मध्य भारत के किसी भी शासकीय स्वास्थ्य संस्थान में स्थापित होने वाला पहला रोबोटिक सर्जिकल सिस्टम है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर एम्स रायपुर में दूर-दराज़ से आने वाले मरीजों के परिजनों के लिए सर्व-सुविधायुक्त परिजन निवास निर्माण की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को धरती पर भगवान का रूप माना जाता है और ‘देव हस्त’ नाम से शुरू हुई यह तकनीक प्रदेश सहित अन्य राज्यों के मरीजों के लिए वरदान साबित होगी।
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि नवा रायपुर में 5,000 बिस्तरों की क्षमता वाली मेडिसिटी का निर्माण किया जा रहा है। राज्य गठन के समय छत्तीसगढ़ में केवल एक मेडिकल कॉलेज था, जबकि आज प्रदेश में 15 मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। उन्होंने जीवनशैली संबंधी बीमारियों, खासकर कैंसर के इलाज की बढ़ती ज़रूरत पर बल देते हुए कहा कि आयुष्मान भारत और वय वंदन योजना से गरीब और वरिष्ठ नागरिकों को निःशुल्क उपचार की बड़ी सुविधा मिल रही है।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि आधुनिक चिकित्सा में रोबोटिक सर्जरी की भूमिका महत्वपूर्ण है। इससे चिकित्सकीय गुणवत्ता और क्षमता में कई गुना वृद्धि होगी। उन्होंने घोषणा की कि शीघ्र ही रायपुर के मेकाहारा अस्पताल में भी रोबोटिक सर्जरी की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘देव हस्त’ नामकरण प्रतियोगिता की विजेता ज्योत्स्ना किराडू को 5,000 रुपये का पुरस्कार भेंट किया। कार्यक्रम में एम्स रायपुर के निदेशक डॉ. अशोक जिंदल, विभागाध्यक्ष डॉ. देवज्योति मोहंती, चिकित्सा छात्र और गणमान्यजन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।