
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई हमले के दोषी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है. यह भारत के लिए एक बड़ी जीत मानी जा रही है. भारत कई सालों से अमेरिका से उसके प्रत्यर्पण की मांग कर रहा था. एक साल से अमेरिकी अदालत में उसके प्रत्यर्पण की सुनवाई चल रही थी. राणा कई संघीय कोर्ट में कानूनी लड़ाई हार चुका था. यह उसका आखिरी मौका था. हालांकि, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राणा की समीक्षा याचिका खारिज करके उसके उम्मीदों पर पानी फेर दिया है.
भारत काफी लंबे समय से तहव्वुर राणा की प्रत्यर्पण का मांग कर रहा था. तहव्वुर राणा 16 साल पहले 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड मुख्य आरोपी डेविड कोलमैन हेडली को आर्थिक मदद किया था. तहव्वुर राणा को अमेरिकी फेडरल पुलिस ने 2009 में गिरफ्तार किया था. उसी समय से उसकी प्रत्यर्पण को लेकर दोनों देशों के बीच बात चल रही थी. अेमेरिकी कोर्ट ने राणा को डेनमार्क में आतंकवादी संगठनों को समर्थन देने के आरोप में दोषी ठहराते हुए 14 साल की सजा सुनाई थी, लेकिन मुंबई हमले में उसे बरी कर दिया था.
कौन है राणा?
तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक है . उसका जन्म पाकिस्तान में हुआ है. वह पेशे से डॉक्टर है. उसने पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर की सेवा दे चुका है. वह मुंबई हमले का मास्टर माइंड डेविड हेडली का करीबी बताया जाता है. ये भी कहा जाता है राणा ने ही भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में मौत के तांडव के लिए फाइनेंस किया था. हालांकि, जब अमेरिकी कोर्ट ने राणा को 2009 में गिरफ्तार करने के बाद मुंबई हमले से बरी कर दिया था, वहीं, भारत ने कूटनीतिक चाल से उसे खिलाफ दोष सिद्ध करवाए और अमेरिका से उसके प्रत्यर्पण की बात चलती रही. राणा ने 13 नवंबर को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के एक दिन बाद 21 जनवरी को शीर्ष अदालत ने इसे अस्वीकार कर दिया था.