
कम पानी पीना, गलत खानपान और कुछ आदतें बढ़ा रही हैं पथरी की समस्या, समय पर जांच और सावधानी से बचाव संभव
गर्मी के मौसम में शरीर का पानी जल्दी सूख जाता है, जिससे डिहाइड्रेशन की स्थिति बनती है। कम पानी पीने की यह आदत न केवल शरीर को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि गुर्दे की पथरी बनने की आशंका भी बढ़ा देती है। यह कहना है सुयश हॉस्पिटल रायपुर के कंसल्टेंट यूरोलॉजिस्ट डॉ. नितिन गोयल का।
डॉ. नितिन गोयल ने बताया कि शरीर में पानी की कमी यानी डिहाइड्रेशन, खासकर गर्मी के दिनों में, गुर्दे की पथरी बनने का एक प्रमुख कारण बन सकती है। उन्होंने कहा कि शरीर को हाइड्रेटेड रखना बेहद जरूरी है, ताकि गुर्दे सुचारु रूप से कार्य करते रहें और पथरी बनने की संभावना कम हो।
उन्होंने आगे बताया कि पथरी बनने के अन्य कारणों में असंतुलित खानपान भी शामिल है। भोजन में रेशे की कमी, अत्यधिक प्रोटीन, कैल्शियम, नमक, कोल्ड ड्रिंक और मदिरा का सेवन पथरी की संभावना को बढ़ाते हैं। इसके अलावा अधिक वजन, पेशाब में कुछ विशेष रसायनों की मौजूदगी और पारिवारिक इतिहास भी पथरी के खतरे को बढ़ाते हैं।
डॉ. गोयल ने बताया कि दूध एवं उससे बनी चीजें, चॉकलेट, ठंडे पेय पदार्थ, चाय, कॉफी, मांसाहार जैसे मटन, पालक, टमाटर, गोभी, मटर, राजमा, और छोले का अधिक मात्रा में सेवन भी पथरी की स्थिति को जन्म दे सकता है।
पथरी के लक्षणों को पहचानें:
- पीठ, बगल या पेट के निचले हिस्से में तीव्र मरोड़ वाला दर्द
- मिचली या उल्टी आना
- पेशाब में खून आना
- बार-बार पेशाब लगना या जलन होना
डॉ. गोयल ने बताया कि पथरी को लेकर लोगों के बीच कई भ्रांतियां भी प्रचलित हैं, जैसे बियर पीने से पथरी घुल जाती है, केवल बीज वाले पदार्थ खाने से ही पथरी बनती है, दर्द नहीं है तो इलाज की जरूरत नहीं, ऑपरेशन के बाद दोबारा पथरी नहीं बनती या महिलाओं और बच्चों में पथरी नहीं हो सकती। उन्होंने स्पष्ट किया कि ये सभी मिथक हैं और इनपर विश्वास नहीं करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि पथरी मूत्र मार्ग के किसी भी हिस्से में बन सकती है, लेकिन यह सामान्यतः गुर्दे या मूत्र नली में अधिक पाई जाती है। अगर पथरी के कोई भी लक्षण नजर आएं तो बिना देर किए डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।
डॉ. गोयल ने यह भी कहा कि पथरी का इलाज आज के समय में कई आधुनिक तकनीकों से संभव है और केवल बड़ी पथरी के लिए ही ऑपरेशन की आवश्यकता होती है। समय पर इलाज और जीवनशैली में बदलाव के साथ पथरी की पुनरावृत्ति को भी रोका जा सकता है।