
लक्षणों को नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी, जानें इससे बचाव और इलाज के उपाय
हर साल लाखों लोगों की जान लेने वाली संक्रामक बीमारी ट्यूबरकुलोसिस (टीबी) आज भी भारत के लिए एक बड़ी स्वास्थ्य चुनौती बनी हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, भारत में हर तीन मिनट में दो लोग टीबी की वजह से दम तोड़ते हैं। इसी गंभीर स्थिति को देखते हुए विश्व क्षयरोग दिवस के अवसर पर यह जानना जरूरी है कि टीबी क्या है, कैसे फैलती है, इसके लक्षण क्या होते हैं और इससे बचाव और इलाज कैसे किया जा सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा है — इस दिशा में समय पर पहचान और उचित इलाज सबसे जरूरी कदम है।
टीबी: भारत की सबसे बड़ी स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक
भारत उन देशों में शामिल है, जहां टीबी के सबसे अधिक मामले सामने आते हैं। यह एक संक्रामक बैक्टीरियल बीमारी है, जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया के कारण होती है। आमतौर पर यह फेफड़ों को प्रभावित करती है, लेकिन शरीर के अन्य अंगों में भी फैल सकती है।
टीबी कैसे फैलती है?
जब कोई टीबी संक्रमित व्यक्ति खांसता, बोलता या छींकता है, तो उसके मुंह और नाक से निकलने वाली सूक्ष्म बूंदें हवा में फैल जाती हैं। इन्हें सांस के जरिए ग्रहण करने पर स्वस्थ व्यक्ति भी संक्रमित हो सकता है।
भारत में टीबी की स्थिति
WHO की ग्लोबल रिपोर्ट 2024 के मुताबिक, भारत में टीबी के मामलों में पिछले कुछ वर्षों में गिरावट आई है, लेकिन फिर भी यह एक गंभीर समस्या बनी हुई है। हर साल लगभग 3.20 लाख लोग टीबी से जान गंवाते हैं।
टीबी के प्रमुख लक्षण
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लगातार खांसी
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बलगम में खून आना
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सीने में दर्द
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थकान और कमजोरी
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लंबे समय तक बुखार या वजन घटना
अगर टीबी शरीर के अन्य अंगों में फैलती है, तो उसके अनुसार लक्षण बदल सकते हैं — जैसे मस्तिष्क में टीबी होने पर सिरदर्द, रीढ़ की हड्डी में टीबी होने पर पीठ दर्द।
किन लोगों को ज्यादा खतरा?
कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग, जैसे डायबिटीज या HIV से ग्रसित व्यक्ति, टीबी के अधिक शिकार होते हैं। साथ ही, भीड़भाड़ वाले स्थानों में रहना और अस्वच्छ जीवनशैली भी जोखिम बढ़ाती है।
बचाव के उपाय
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संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें
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मास्क का उपयोग करें
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पोषक आहार लें
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समय पर टीकाकरण कराएं
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लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराएं
इलाज संभव है
टीबी का इलाज पूरी तरह संभव है, बशर्ते पूरा कोर्स समय पर और नियमित रूप से लिया जाए। सरकार की ओर से मुफ्त जांच और इलाज की सुविधा भी उपलब्ध है। मरीजों को निक्षय पोषण योजना के तहत ₹500 प्रतिमाह की सहायता भी दी जाती है।
निष्कर्ष
टीबी एक गंभीर लेकिन पूरी तरह इलाज योग्य बीमारी है। इसके खिलाफ सबसे बड़ा हथियार है – जागरूकता, समय पर जांच और पूरा इलाज। तभी हम प्रधानमंत्री के 2025 तक टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य को हासिल कर सकेंगे।