
“बस्तर में नक्सली नेता रूपेश ने पूर्ण युद्धविराम का प्रस्ताव रखा, लेकिन सरकारी दृढ़ता बरकरार—’2026 तक नक्सलवाद खत्म करने का लक्ष्य'”
बस्तर में नक्सलियों का नया रुख, पर सरकार अडिग
छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में नक्सलियों ने एक सप्ताह के भीतर दूसरी बार शांति वार्ता का प्रस्ताव रखा है। नक्सली नेता रूपेश ने जारी पर्चे में कहा कि वे “पूर्ण युद्धविराम” के लिए तैयार हैं, लेकिन शर्त यह है कि सरकार भी सकारात्मक कदम उठाए। उन्होंने कहा— “हम अपने नेतृत्व से सलाह-मशविरा करेंगे, बिना इसके वार्ता संभव नहीं।”
गृहमंत्री का कड़ा जवाब
इस प्रस्ताव पर राज्य के गृहमंत्री शर्मा ने स्पष्ट किया— “अगर नक्सली वास्तव में बातचीत चाहते हैं, तो हमारे दरवाज़े खुले हैं। लेकिन जो बंदूक उठाते हैं, उन्हें बंदूक का ही जवाब मिलेगा।” उन्होंने केंद्र सरकार के “2026 तक नक्सलवाद समाप्ति” के लक्ष्य को दोहराते हुए सुरक्षा बलों की कार्रवाई जारी रखने की बात कही।
ऑपरेशन में तेजी, 142 नक्सली ढेर
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के निर्देशों के बाद बस्तर में सुरक्षा अभियान तेज हुआ है। साल 2025 में अब तक 142 नक्सली मारे जा चुके हैं, जबकि कई ने आत्मसमर्पण किया है। पुलिस और CRPF की संयुक्त टीमें नक्सली ठिकानों पर लगातार छापेमारी कर रही हैं।
- नक्सलियों की रणनीति: युद्धविराम का प्रस्ताव सुरक्षा बलों के दबाव का नतीजा माना जा रहा है।
- सरकार का रुख: हिंसा का रास्ता छोड़े बिना वार्ता पर विचार नहीं।
- स्थानीय प्रभाव: बस्तर के आदिवासी इलाकों में नक्सलियों का प्रभाव कम होने के संकेत।
यह घटनाक्रम दिखाता है कि नक्सलवाद उन्मूलन की सरकार की मुहिम रंग ला रही है, लेकिन संघर्ष के दोनों पक्ष अभी अपनी-अपनी शर्तों पर अड़े हुए हैं। आने वाले दिनों में राजनीतिक और सैन्य रणनीतियों का असर ही तय करेगा कि बस्तर में शांति की राह बन पाती है या नहीं।