
अनहेल्दी जीवनशैली से बढ़ रहा कोलन कैंसर का खतरा, समय रहते पहचानें इसके संकेत और अपनाएं सुरक्षा के तरीके
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी और गलत खानपान की आदतें शरीर को गंभीर बीमारियों की चपेट में ला रही हैं। इन्हीं में से एक है कोलन कैंसर, जिसे आंत या पेट का कैंसर भी कहा जाता है। यह बीमारी धीरे-धीरे शरीर के कई अंगों को नुकसान पहुंचा सकती है। हालांकि, यदि समय रहते इसके शुरुआती संकेत पहचान लिए जाएं तो इससे बचाव भी संभव है।
आज की आधुनिक और असंतुलित जीवनशैली सेहत पर बुरा असर डाल रही है। फास्ट फूड, कम शारीरिक गतिविधि और स्ट्रेस जैसी आदतों के चलते कई गंभीर बीमारियां जन्म ले रही हैं, जिनमें कोलन कैंसर भी शामिल है। इस बीमारी को आंत या पेट का कैंसर भी कहा जाता है और यह दुनिया भर में तीसरा सबसे सामान्य कैंसर बन चुका है।
कोलन कैंसर क्या है?
कोलन हमारे पाचन तंत्र की बड़ी आंत होती है, और मलाशय वह हिस्सा है जो इसे गुदा से जोड़ता है। जब इन अंगों की आंतरिक परतों में कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं, तो वह कैंसर का रूप ले लेती हैं। कोलन और रेक्टल कैंसर को मिलाकर इसे ‘कोलोरेक्टल कैंसर’ कहा जाता है।
कोलन कैंसर की शुरुआत कैसे होती है?
मायो क्लीनिक के अनुसार, कोलन कैंसर की शुरुआत बड़ी आंत की भीतरी परत में छोटे-छोटे गांठों (पॉलीप्स) के बनने से होती है। समय के साथ ये पॉलीप्स कैंसरस बन सकते हैं। ये शुरुआती रूप में लक्षण नहीं देते, लेकिन धीरे-धीरे शरीर में परिवर्तन दिखने लगते हैं।
कोलन कैंसर के 5 शुरुआती लक्षण:
- पेट में लगातार दर्द या ऐंठन
- मल त्याग में बदलाव (कब्ज या दस्त)
- मल में खून आना
- अचानक वजन का गिरना
- लगातार थकान महसूस होना
बचाव के उपाय:
- फाइबर युक्त भोजन लें, जैसे फल, सब्जियां और साबुत अनाज
- रेड मीट और प्रोसेस्ड फूड से परहेज करें
- नियमित रूप से व्यायाम करें
- धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं
- समय-समय पर मेडिकल जांच करवाएं, खासकर यदि फैमिली हिस्ट्री हो
कोलन कैंसर एक धीमे गति से बढ़ने वाली लेकिन जानलेवा बीमारी है। यदि इसके शुरुआती संकेतों को नजरअंदाज किया जाए, तो यह शरीर के अन्य अंगों तक फैल सकता है। बेहतर जीवनशैली और नियमित जांच से इस बीमारी से बचाव संभव है।