
SECR में माल ढुलाई से रिकॉर्ड 22,807 करोड़ की कमाई, लेकिन यात्री ट्रेनें घंटों लेट या रद्द; स्टेशन पर फंसे हजारों मुसाफिर
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (SECR) जोन में राजस्व के लिए मालगाड़ियों को प्राथमिकता दी जा रही है, जबकि यात्री ट्रेनों की स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। वर्ष 2024-25 में अब तक 2,790 यात्री ट्रेनें रद्द की जा चुकी हैं, और सैकड़ों ट्रेनों को आउटर पर खड़ा रखा गया। रेलवे को माल ढुलाई से जहाँ 22,807 करोड़ रुपये की कमाई हुई, वहीं यात्रियों को घंटों इंतजार और असुविधा झेलनी पड़ी।
रायपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (SECR) जोन में एक ओर मालगाड़ियाँ पूरे वेग से दौड़ रही हैं, वहीं दूसरी ओर यात्री ट्रेनों की गति थम सी गई है। रेलवे प्रशासन ने मुनाफे की होड़ में मालगाड़ियों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है, जिसके चलते 2024-25 में अब तक 2790 पैसेंजर ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। इनमें से 1455 मेल/एक्सप्रेस और 1335 पैसेंजर ट्रेनें शामिल हैं।
हालात ऐसे हैं कि रायपुर और बिलासपुर जैसे प्रमुख स्टेशनों पर यात्रियों को 5 से 6 घंटे तक ट्रेन का इंतजार करना पड़ता है। गुरुवार को पटना-चर्लापल्ली एक्सप्रेस चार घंटे की देरी से पहुँची, जिससे यात्रियों की परेशानी और नाराज़गी साफ नजर आई।
रेलवे की समयपालन रिपोर्ट के अनुसार, SECR माल ढुलाई में देशभर में नंबर एक है। इसी जोन ने 2024-25 में 22,807 करोड़ रुपये की आय दर्ज की है, जो पिछले वर्ष से 6% अधिक है। लेकिन विडंबना यह है कि यात्री सुविधाओं के मामले में यह जोन 17 में सबसे निचले पायदान पर है।
रेलवे का ध्यान इस समय माल लदान से होने वाली 23,700 करोड़ की टारगेट कमाई पर केंद्रित है। नतीजतन, यात्रियों की सुविधाओं को दरकिनार कर ट्रेनों को रद्द या घंटों आउटर में खड़ा किया जा रहा है। इससे स्टेशन परिसर में भारी भीड़, असुविधा और नाराजगी का माहौल बन रहा है।
हाल ही में हुई जोनल रेलवे सलाहकार समिति की बैठक में सांसदों ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया और रेलवे की प्राथमिकताओं पर सवाल खड़े किए।
SECR के सीपीआरओ विपुल विलासराव ने कहा, “हम मालगाड़ियों की समयबद्धता बनाए रखने पर काम कर रहे हैं। यात्री गाड़ियों की स्थिति बेहतर करने के लिए मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों पर फोकस बढ़ाया जा रहा है।”