
हिमाचल में बादल फटने से ब्यास नदी उफान पर, 35 लोग लापता; वाराणसी में गंगा का जलस्तर खतरनाक स्तर पर, 20 मंदिर जलमग्न; राजस्थान, एमपी और यूपी में भी भारी बारिश की चेतावनी
देश के कई राज्यों में मानसून ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। हिमाचल से लेकर यूपी, राजस्थान और मध्य प्रदेश तक बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। कहीं बादल फटे तो कहीं नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। राहत और बचाव टीमों को अलर्ट मोड पर रखा गया है, वहीं मौसम विभाग ने कई राज्यों में रेड अलर्ट जारी किया है।
हिमाचल प्रदेश(ए)। हिमाचल प्रदेश में मानसून ने तबाही मचा दी है। मंडी जिले में 30 जून की रात एक के बाद एक 10 जगहों पर बादल फटने की घटनाएं हुईं, जिससे अचानक बाढ़ आ गई। इस भीषण आपदा में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है और 35 से ज्यादा लोग लापता हैं। मंडी के कथुनाग और आसपास के क्षेत्रों में कई घर बाढ़ में बह गए।
ब्यास नदी उफान पर है और मंडी के करसोग, धर्मपुर, गोहर, थुनाग और बगशयाड़ जैसे इलाकों के 100 से ज्यादा गांव पिछले 24 घंटे से ब्लैक आउट में हैं। बिजली और संचार व्यवस्था पूरी तरह ठप है। मौसम विभाग ने बुधवार के लिए रेड अलर्ट जारी किया है और तेज बारिश की चेतावनी दी है।
वाराणसी में गंगा ने तोड़ा रिकॉर्ड
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले 50 घंटों में जलस्तर करीब 2.96 मीटर बढ़ा है, जो औसतन 50mm प्रति घंटे की दर से उफान पर है। गंगा का पानी अब मणिकर्णिका घाट तक पहुंच गया है और 20 से अधिक मंदिर जलमग्न हो चुके हैं। लखीमपुर में भी शारदा नदी खतरे के निशान पर बह रही है।
राजस्थान और मध्य प्रदेश भी पानी-पानी
राजस्थान के भरतपुर में तेज बारिश के चलते शहर की ज्यादातर सड़कों पर दो फीट से ज्यादा पानी भर गया है। भरतपुर सहित 4 जिलों में बीते 24 घंटों में करीब 2 इंच बारिश दर्ज की गई है। मध्य प्रदेश में भी बारिश का सिलसिला जारी है। राज्य के आधे हिस्से में बुधवार सुबह से लगातार बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने आगामी 4 दिनों तक तेज बारिश का सिस्टम एक्टिव रहने की चेतावनी दी है।