
राजस्थान में दो दिन की बारिश ने ली 18 जानें, वाराणसी के सभी 84 घाट जलमग्न; उत्तराखंड-हिमाचल में भूस्खलन से 258 सड़कें बंद, MP-UP में भी हालात चिंताजनक
उत्तर भारत के कई राज्यों में मानसून विकराल रूप ले चुका है। राजस्थान से लेकर उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश तक तेज बारिश और उससे जुड़ी घटनाओं ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। कहीं बाढ़ तो कहीं भूस्खलन ने कहर मचाया है, जिससे दर्जनों मौतें, सैकड़ों सड़कें बंद और हजारों लोग प्रभावित हुए हैं।
जयपुर/वाराणसी/शिमला/देहरादून, 16 जुलाई (ए)। उत्तर भारत में मानसून की बारिश अब कहर बनकर बरस रही है। बीते दो दिनों में राजस्थान में भारी बारिश के चलते 18 लोगों की मौत हो चुकी है। जयपुर, चूरू, बीकानेर, श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ के निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं। कुछ स्थानों पर पानी 5 फीट तक भर गया है। बूंदी में मेज नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है, जिससे कई गांव मुख्यालय से कट गए हैं।
उत्तर प्रदेश में भी हालात बिगड़ते जा रहे हैं। हाथरस में आधे घंटे में 6 इंच बारिश हुई, वहीं वाराणसी में गंगा नदी उफान पर है और 84 घाट पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं। प्रयागराज में गंगा-यमुना दोनों नदियों में बाढ़ जैसी स्थिति है। माताटीला और गोविंद सागर बांध के गेट खोल दिए गए हैं।
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में पहाड़ों से आफत बरस रही है। भूस्खलन के चलते हिमाचल की 200 और उत्तराखंड की 58 सड़कें बंद हैं। दोनों राज्यों में आज भी भारी वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया गया है। प्रशासन ने पर्यटकों और यात्रियों से सावधानी बरतने की अपील की है। मध्य प्रदेश में भी मानसून का असर तेज है। मंगलवार को ग्वालियर, भोपाल, इंदौर सहित 25 जिलों में बारिश हुई। ग्वालियर में सर्वाधिक 2.3 इंच पानी गिरा। पिछले एक सप्ताह से लगातार बारिश के चलते कई नदियां-नाले उफान पर हैं। 18 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। पूरे उत्तर भारत में मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे बेहद संवेदनशील माने हैं। प्रशासन को सतर्क रहने और आमजन को सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की गई है।