
पैसेंजर व्हीकल्स का रिकॉर्ड ब्रेकिंग एक्सपोर्ट, दोपहिया और वाणिज्यिक वाहनों की मांग में जबरदस्त उछाल; मारुति-हुंडई ने दर्ज की नई ऊंचाइयां
देश के ऑटोमोबाइल उद्योग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में शानदार प्रदर्शन करते हुए वाहन निर्यात में 22% की जबरदस्त वृद्धि दर्ज की है। सियाम की रिपोर्ट के अनुसार, पैसेंजर व्हीकल्स, दोपहिया और वाणिज्यिक वाहनों की मांग में वृद्धि और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भरोसे के चलते यह रिकॉर्ड बना है।
नई दिल्ली (ए)। भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, इस अवधि में वाहन निर्यात में 22% की वृद्धि दर्ज की गई, जो भारतीय ऑटो सेक्टर की वैश्विक पहुंच और मांग में बढ़ोतरी को दर्शाता है।
इस तिमाही में कुल 14.57 लाख यूनिट्स वाहनों का निर्यात किया गया, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह आंकड़ा 11.92 लाख यूनिट्स था। पैसेंजर व्हीकल्स के क्षेत्र में 2,04,330 यूनिट्स का निर्यात हुआ, जो अब तक का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। इस तेज़ी के पीछे मुख्य रूप से वेस्ट एशिया, अमेरिका, श्रीलंका और नेपाल जैसे बाजारों में मांग में वृद्धि और ऑस्ट्रेलिया के साथ हुए फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की भूमिका रही।
मारुति और हुंडई ने संभाला मोर्चा
देश की प्रमुख कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने इस तिमाही में 96,181 यूनिट्स वाहनों का एक्सपोर्ट किया, जो पिछले साल की तुलना में 37% अधिक है। कंपनी अब निर्यात के क्षेत्र में लगातार चौथे साल अग्रणी बनी हुई है और उसका एक्सपोर्ट शेयर 47% को पार कर गया है। दूसरी ओर, हुंडई मोटर इंडिया ने भी 48,140 यूनिट्स का निर्यात किया, जो कि गत वर्ष की तुलना में 13% की वृद्धि है।
दोपहिया, वाणिज्यिक और तिपहिया वाहनों में भी उछाल
न केवल कारें, बल्कि दोपहिया और वाणिज्यिक वाहनों की मांग में भी जबरदस्त उछाल देखा गया है। दोपहिया वाहनों का निर्यात 23% बढ़कर 11.36 लाख यूनिट्स तक पहुंच गया, जबकि वाणिज्यिक वाहनों के एक्सपोर्ट में भी 23% की बढ़ोतरी हुई और यह संख्या 19,427 यूनिट्स रही। तिपहिया वाहनों ने भी 34% की वृद्धि के साथ 95,796 यूनिट्स का आंकड़ा छू लिया।