
विज्ञान भवन में लीगल कॉन्क्लेव में बोले राहुल गांधी– चुनाव आयोग पर भरोसा नहीं, सीटों की हेराफेरी से बदली सत्ता की तस्वीर; EC ने कहा– अफसर बेखौफ काम करें
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग और भारत की चुनावी प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए हैं। दिल्ली में आयोजित लीगल कॉन्क्लेव-2025 के मंच से उन्होंने कहा कि देश का इलेक्शन सिस्टम ‘मर चुका’ है और आने वाले दिनों में वे इसके पुख्ता सबूत पेश करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि अगर 10–15 सीटों पर धांधली न होती, तो नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं बनते। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा– “अगर आपके पास सबूतों का एटम बम है तो फोड़ दीजिए, बस खुद को सुरक्षित रखें।”
नई दिल्ली (ए)। लोकसभा चुनाव परिणामों को लेकर उठते राजनीतिक तापमान के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने फिर एक बार चुनाव आयोग और पूरे चुनावी तंत्र को कटघरे में खड़ा कर दिया है। विज्ञान भवन में आयोजित लीगल कॉन्क्लेव-2025 में बोलते हुए राहुल ने कहा, “भारत का इलेक्शन सिस्टम मर चुका है। हम यह साबित करने जा रहे हैं कि चुनाव में कैसे धांधली हुई और हो सकती है।”
राहुल का आरोप है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बहुमत सीटों में धांधली के ज़रिए जीत मिली। उन्होंने कहा कि अगर 10-15 सीटों पर गड़बड़ी नहीं होती, तो मोदी दोबारा पीएम नहीं बनते। उन्होंने यह भी जोड़ा कि, “2014 से ही मुझे चुनावी प्रक्रिया पर शक रहा है, लेकिन अब हमारे पास पुख्ता सबूत हैं।”
EC पर लगातार हमला, अब दी ‘परमाणु’ चेतावनी
राहुल गांधी ने इससे पहले 1 अगस्त को भी चुनाव आयोग को चेतावनी देते हुए कहा था कि उनके पास ‘एटम बम’ है और जब वह फटेगा, तो आयोग की साख मिट्टी में मिल जाएगी। इसी बयान पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीखा पलटवार करते हुए कहा, “अगर आपके पास एटम बम है, तो उसे फोड़ दीजिए। लेकिन ध्यान रहे, धमाके में खुद को नुकसान न हो।”
EC ने राहुल के आरोपों को बताया निराधार
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए एक दिन पहले बयान जारी किया था। आयोग ने कहा कि “ऐसे बेबुनियाद आरोपों को नजरअंदाज किया जाता है।” साथ ही सभी चुनाव अधिकारियों से अपील की गई कि वे पारदर्शिता और निष्पक्षता से अपना कार्य करते रहें और गैर-जिम्मेदार बयानों से प्रभावित न हों।
‘महाराष्ट्र में एक करोड़ नए वोटर, सब भाजपा के खाते में’
राहुल ने महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए दावा किया कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच एक करोड़ नए मतदाता जोड़े गए, और उनका बड़ा हिस्सा भाजपा को वोट गया। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि चुनाव आयोग ऐसी मतदाता सूचियां जारी करता है जिन्हें स्कैन या कॉपी नहीं किया जा सकता, आखिर वह मतदाता सूची से पारदर्शिता क्यों छिपा रहा है?