
दिल्ली में हुई बैठक में केंद्रीय मंत्रियों और व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने एक स्वर में दिया समर्थन
देश में “एक राष्ट्र, एक चुनाव” की बहस को व्यापारी वर्ग का भी मजबूत समर्थन मिला है। राजधानी दिल्ली में आयोजित एक अहम बैठक में व्यापारी संगठनों और नेताओं ने सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को पारित किया। उनका मानना है कि यह नीति न केवल राजनीतिक स्थिरता बल्कि आर्थिक प्रगति और सुशासन के लिए भी कारगर साबित होगी।
नई दिल्ली (ए)। देश की राजधानी में रविवार को व्यापार जगत के शीर्ष नेताओं और संगठनों की विशेष बैठक हुई, जिसमें ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ के विचार पर गहन मंथन किया गया। बैठक में मौजूद प्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को मंजूरी दी और कहा कि यह कदम देश की आर्थिक मजबूती, संसाधनों की बचत और सुशासन के लिए आवश्यक है।
बैठक में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और पीयूष गोयल, भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल तथा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने व्यापारियों से संवाद किया। उन्होंने कहा कि एक साथ चुनाव होने से प्रशासनिक मशीनरी पर बोझ कम होगा और विकास योजनाओं पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया जा सकेगा।
कार्यक्रम में देशभर के व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इस दौरान छत्तीसगढ़ से पूर्व विधायक शिवरतन शर्मा, लाभचंद बाफना, श्रीचंद सुंदरानी, चैंबर अध्यक्ष सतीश थोरानी, कैट अध्यक्ष अमर पारवानी, चैंबर कार्यकारी अध्यक्ष ललित जैसिंघ, महामंत्री अजय भसीन, राजेश वासवानी, जसप्रीत सलूजा, चेयरमैन चेतन तारवानी, लोकेश जैन और राजेश सेतपाल सहित कई व्यापारी नेता मौजूद रहे।
व्यापारी नेताओं ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया बार-बार होने से व्यापार, निवेश और अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ता है। यदि सभी चुनाव एक साथ होंगे तो राजनीतिक स्थिरता बनी रहेगी और देश विकास की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ेगा।