
टैक्स एक्सपर्ट बोले– लेट फीस और नोटिस से बचाव के साथ ब्याज बचत व नुकसान कैरी फॉरवर्ड का भी फायदा
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आख़िरी तारीख अब नज़दीक है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आयकर विभाग ने 15 सितंबर को अंतिम तिथि तय की है। ऐसे में यदि आपने अभी तक रिटर्न दाखिल नहीं किया है तो देर न करें, क्योंकि समयसीमा चूकने पर पेनल्टी, ब्याज और नोटिस जैसी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। टैक्स विशेषज्ञों के मुताबिक समय पर ITR फाइल करने से न केवल आर्थिक नुकसान से बचाव होता है, बल्कि इसके कई अतिरिक्त फायदे भी मिलते हैं।
नई दिल्ली (ए)। आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करने की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में पहुंच गई है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए टैक्स रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर तय की गई है। यानी करदाताओं के पास एक महीने से भी कम का समय बचा है। जो लोग अभी तक ITR दाखिल नहीं कर पाए हैं, उन्हें इसे प्राथमिकता पर निपटाना चाहिए।
इंदौर के चार्टर्ड अकाउंटेंट आनंद जैन के अनुसार, समयसीमा में रिटर्न फाइल करने के कई फायदे हैं। सबसे पहला फायदा है लेट फीस से बचाव। निर्धारित तारीख के बाद फाइल करने वालों को सालाना आय 5 लाख से ज्यादा होने पर ₹5,000 और 5 लाख से कम होने पर ₹1,000 पेनल्टी चुकानी पड़ सकती है।
दूसरा बड़ा लाभ है नोटिस से छुटकारा। आयकर विभाग के पास विभिन्न स्रोतों से करदाताओं की कमाई का डाटा पहुंचता है। अगर समय पर रिटर्न न भरा जाए, तो विभाग उस आधार पर नोटिस भेज सकता है।
तीसरा फायदा है ब्याज की बचत। आयकर अधिनियम की धारा 234B के मुताबिक अगर करदाता पर कुल टैक्स का 90% से कम जमा है, तो उसे हर महीने 1% ब्याज देना पड़ता है। समय पर रिटर्न दाखिल करने से यह अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ता।
चौथा और महत्वपूर्ण फायदा है नुकसान को आगे कैरी फॉरवर्ड करने की सुविधा। उदाहरण के लिए, यदि शेयर मार्केट में नुकसान हुआ है, तो उसे आठ साल तक अगले वर्षों की आय से एडजस्ट किया जा सकता है। लेकिन अगर रिटर्न समय पर फाइल नहीं किया गया तो यह लाभ उपलब्ध नहीं होगा।
साथ ही, सही टैक्स रिजीम का चुनाव भी बेहद अहम है। विशेषज्ञों का कहना है कि करदाताओं को पुराने और नए टैक्स रिजीम का तुलना कर देखना चाहिए कि किसमें टैक्स कम देना पड़ेगा। यदि डिडक्शन की राशि ₹2 लाख से कम है, तो नया टैक्स रिजीम अधिक फायदेमंद हो सकता है और टैक्स रिफंड भी दिला सकता है।