
भारत की डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना को नई ऊंचाई, 112 संस्थान एफआईपी और एफआईयू दोनों रूप में सक्रिय, 112 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ता जुड़े
भारत की डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना को मजबूती देने वाली अहम पहल अकाउंट एग्रीगेटर (AA) इकोसिस्टम ने अपने चार वर्ष पूरे कर लिए हैं। 2 सितंबर 2021 को लॉन्च किए गए इस फ्रेमवर्क ने वित्तीय डेटा के सुरक्षित और सहमति-आधारित साझा करने की प्रक्रिया को सरल बनाया है। अब तक 2.2 अरब से अधिक वित्तीय खाते इस प्रणाली से सक्षम हो चुके हैं और 112.34 मिलियन उपयोगकर्ता अपने खातों को लिंक कर चुके हैं, जो इस डिजिटल परिवर्तन की सफलता को दर्शाता है।
नई दिल्ली (ए)। भारत की डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (Digital Public Infrastructure – DPI) में मील का पत्थर साबित हो रहा अकाउंट एग्रीगेटर (AA) फ्रेमवर्क अब अपनी चौथी वर्षगांठ मना रहा है। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 2016 में जारी मास्टर निर्देशों के आधार पर 2 सितंबर 2021 को इस प्रणाली की औपचारिक शुरुआत हुई थी।
AA फ्रेमवर्क का मकसद उपयोगकर्ताओं को अपनी वित्तीय जानकारी – जैसे बैंक खाते, निवेश, बीमा, ऋण आदि – को एक ही स्थान पर संकलित करने और ज़रूरत पड़ने पर सेवा प्रदाताओं, जैसे ऋणदाता या धन प्रबंधक, के साथ साझा करने की सुविधा देना है। खास बात यह है कि यह पूरी प्रक्रिया एन्क्रिप्टेड और सहमति-आधारित होती है, जिससे उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता और डेटा पर नियंत्रण सुरक्षित रहता है।
तेजी से बढ़ता दायरा
- अब तक 112 वित्तीय संस्थान FIP और FIU दोनों की भूमिका निभा रहे हैं।
- 56 संस्थान केवल FIP और 410 संस्थान केवल FIU के रूप में सक्रिय हो चुके हैं।
- इस इकोसिस्टम से 2.2 अरब वित्तीय खाते जुड़ चुके हैं।
- 112.34 मिलियन उपयोगकर्ता अपने खातों को लिंक कर चुके हैं।
वैश्विक मान्यता
भारत की G20 अध्यक्षता (2023) के दौरान अकाउंट एग्रीगेटर फ्रेमवर्क को DPI की आधारभूत संरचना के रूप में मान्यता दी गई। इसे पहचान (आधार) और भुगतान (UPI) जैसे डिजिटल स्तंभों का पूरक माना गया है। G20 की कई प्रमुख रिपोर्टों में AA की भूमिका को वित्तीय समावेशन और उत्पादकता लाभ के लिए अहम करार दिया गया।
भविष्य की दिशा
तेज़ी से विकसित हो रहा यह इकोसिस्टम अब बैंकिंग, प्रतिभूति, बीमा और पेंशन क्षेत्रों में भी विस्तार पा रहा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले वर्षों में यह विशेष रूप से एमएसएमई और व्यक्तिगत ऋण तक औपचारिक पहुंच सुनिश्चित कर, भारत के विकसित भारत @2047 के लक्ष्य में महत्वपूर्ण योगदान देगा।