
नोएडा के कई सेक्टर डूबे, अजमेर में 1000 घरों में पानी घुसा, पंजाब के 1655 गांव प्रभावित; कश्मीर का संपर्क टूटा
लगातार हो रही बारिश ने उत्तर भारत में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। दिल्ली-NCR से लेकर पंजाब, राजस्थान और कश्मीर तक बाढ़ और लैंडस्लाइड ने हालात बिगाड़ दिए हैं। कहीं यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, तो कहीं तालाब टूटने से गांवों में सैलाब आ गया है।
नई दिल्ली/जयपुर/चंडीगढ़/श्रीनगर (ए)। उत्तर भारत में बारिश ने तबाही मचा दी है। दिल्ली-NCR में यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिससे नोएडा के सेक्टर-135 और सेक्टर-151 समेत कई इलाकों में 3 से 4 फीट तक पानी भर गया है। लोगों के घरों और सोसाइटी में पानी घुसने से हालात बेकाबू हो गए। गुरुग्राम की सिग्नेचर ग्लोबल सलोरा सोसाइटी में महिलाएं और बच्चे घरों में कैद हो गए। एहतियातन हरियाणा के पंचकूला, हिसार, रोहतक, झज्जर समेत कई जिलों में स्कूल बंद कर दिए गए हैं।
राजस्थान के अजमेर जिले में गुरुवार रात बोराज तालाब की दीवार टूट गई। देखते ही देखते 1000 से ज्यादा घरों में पानी घुस गया। कई गाड़ियां बही, मकान क्षतिग्रस्त हुए और लोग छतों पर चढ़कर जान बचाने को मजबूर हुए। प्रशासन ने देर रात तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर लोगों को सुरक्षित निकाला।
पंजाब में बाढ़ ने सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। अब तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है। 23 जिलों के 1655 गांव डूबे हैं और 3.55 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। करीब 1.71 लाख हेक्टेयर जमीन पर खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं। राहत की बात यह है कि अगले पांच दिन तक बारिश का कोई अलर्ट नहीं है।
कश्मीर में भी हालात खराब हैं। भारी बारिश और भूस्खलन से जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे समेत कई सड़कें टूट गईं। घाटी का देश के बाकी हिस्सों से संपर्क कट गया है। हालांकि झेलम नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आ गया है। सुरक्षा के लिहाज से घाटी के स्कूल और कॉलेज 6 सितंबर तक बंद रखे गए हैं।
रामबन जिले में बादल फटने और लैंडस्लाइड के बाद 283 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। 950 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। जिला प्रशासन ने बताया कि हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है और प्रभावित गांवों में राहत कार्य चल रहे हैं।