
16 हजार से ज्यादा संविदा कर्मियों का आंदोलन उग्र, मंत्रियों-विधायकों के घरों का करेंगे घेराव, स्वास्थ्य सेवाएं चरमराने लगीं
छत्तीसगढ़ में नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) के 16 हजार से अधिक संविदा कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर पिछले 22 दिनों से हड़ताल पर हैं। आंदोलन आज नए मोड़ पर पहुंच गया, जब कर्मचारियों ने जल सत्याग्रह करने का ऐलान किया। लगातार अलग-अलग तरीकों से विरोध जता चुके कर्मचारी अब आर-पार की लड़ाई की चेतावनी दे रहे हैं।
रायपुर। छत्तीसगढ़ में NHM संविदा कर्मचारियों की हड़ताल 22वें दिन भी जारी है। लंबे समय से नियमितिकरण और सेवा सुरक्षा की मांग कर रहे 16 हजार से ज्यादा कर्मचारी अब जल सत्याग्रह पर उतर आए हैं। प्रदेश के सभी जिलों में कर्मचारी पानी में उतरकर आंदोलन करेंगे।
सोमवार को हड़ताल के 21वें दिन कर्मचारियों ने “रोटी–सम्मान–न्याय–गारंटी” की थीम पर प्रदर्शन किया था। अब उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लिया, तो विधानसभा के साथ मंत्रियों और विधायकों के घरों का घेराव किया जाएगा।
इससे पहले आंदोलनरत कर्मचारियों ने सामूहिक इस्तीफे सौंपकर स्वास्थ्य विभाग को बड़ा झटका दिया था। रायपुर में 1600, दुर्ग में 850 और रायगढ़ में 500 कर्मचारियों ने इस्तीफा सौंपा। हालांकि विभाग ने इन्हें स्वीकार नहीं किया है।
वहीं, 3 सितंबर को स्वास्थ्य विभाग ने 25 कर्मचारियों को बर्खास्त भी कर दिया था, जिसमें संगठन के प्रदेश संरक्षक हेमंत सिन्हा और महासचिव कौशलेश तिवारी भी शामिल हैं। इसके बाद से NHM कर्मियों का गुस्सा और बढ़ गया है। लगातार बढ़ते आंदोलन के चलते प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं चरमराने की स्थिति में पहुंच गई हैं।