
नई रिसर्च में सामने आया कि जब हम किसी बुरी याद को भूलना चाहते हैं, तो हमारा मस्तिष्क सच में उसे दबाने की कोशिश करता है — यह प्रक्रिया वर्किंग मेमोरी में होती है।
हम सभी की जिंदगी में कुछ पल ऐसे होते हैं जिन्हें हम हमेशा के लिए याद रखना चाहते हैं, और कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं जिन्हें भुला देना ही बेहतर लगता है। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आपका दिमाग खुद बुरी यादों को मिटाने का प्रयास करता है? अब इस रहस्य से पर्दा उठ चुका है। वैज्ञानिकों की एक हालिया स्टडी ने यह साबित कर दिया है कि जब आप किसी याद को भूलना चाहते हैं, तो दिमाग उसमें सक्रिय रूप से शामिल होकर उसे ‘सप्रेस’ करता है।
हेल्थ (डेस्क)। यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क समेत कई संस्थानों द्वारा की गई एक रिसर्च में यह खुलासा हुआ है कि मानव मस्तिष्क में एक अद्भुत क्षमता होती है—वो न सिर्फ यादों को संग्रहित करता है, बल्कि कुछ यादों को ‘डिलीट’ यानी दबा भी सकता है। इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि जब हम किसी खास बात को भूलने की कोशिश करते हैं, तो हमारा दिमाग उस प्रक्रिया में पूरी तरह शामिल होता है।
रिसर्च के दौरान 30 प्रतिभागियों को कुछ जानकारी याद रखने और फिर उसे भूलने के लिए कहा गया। इस दौरान उनकी ब्रेन एक्टिविटी को EEG (इलेक्ट्रोएंसेफालोग्राफी) तकनीक से रिकॉर्ड किया गया। वैज्ञानिकों ने पाया कि जैसे ही व्यक्ति भूलने की कोशिश करता है, दिमाग की एक्टिविटी उस याद से जुड़ी जगहों पर धीरे-धीरे कम हो जाती है।
इसे आसान भाषा में समझें तो यह ऐसा ही है जैसे आप कंप्यूटर से कोई फाइल डिलीट कर रहे हों। फाइल पूरी तरह मिटती नहीं, पर आपकी पहुंच से बाहर हो जाती है। यही कुछ दिमाग भी करता है — वह दर्दनाक या अनचाही यादों को दबाने लगता है ताकि व्यक्ति आगे बढ़ सके।
मानसिक स्वास्थ्य से गहरा संबंध
इस शोध का मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव हो सकता है। यह समझना कि दिमाग अनचाही यादों को कैसे प्रोसेस करता है, डिप्रेशन, PTSD, एंग्जायटी जैसी समस्याओं से जूझ रहे लोगों के इलाज में मददगार साबित हो सकता है।