
छात्रों के लिए डिजिटल-फिजिकल लाइब्रेरी, आधुनिक कोचिंग हॉल, हॉस्टल और ऑडिटोरियम की होगी सुविधा; मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दी परियोजना को हरी झंडी
छत्तीसगढ़ सरकार शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण एवं समग्र शैक्षणिक विकास की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठा रही है। इसी कड़ी में बिलासपुर को आधुनिक एजुकेशन सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां छात्रों के लिए अध्ययन, आवास और खेलकूद की विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर लगभग 100 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को ऊंचे स्तर पर पहुंचाने के लिए तेजी से काम कर रही है। इसी उद्देश्य से बिलासपुर शहर में एक आधुनिक ‘एजुकेशन सिटी’ की स्थापना की जा रही है, जो राज्य के शिक्षा परिदृश्य को पूरी तरह बदल देगी।
यह एजुकेशन सिटी बिलासपुर नगर निगम की लगभग 13 एकड़ भूमि पर विकसित की जाएगी। इस परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 100 करोड़ रुपये है, जिसकी विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। मुख्यमंत्री साय ने बताया कि इस एजुकेशनल हब में एक अत्याधुनिक ‘नालंदा परिसर’ की स्थापना की जाएगी, जिसमें एक साथ 500 विद्यार्थी फिजिकल और डिजिटल लाइब्रेरी का उपयोग कर सकेंगे।
इसके अतिरिक्त, परिसर में तीन बहुमंजिला इमारतों में कुल 48 आधुनिक कोचिंग सेटअप बनाए जाएंगे। हर सेटअप में एक हॉल, दो कक्ष और एक शौचालय होगा। इससे लगभग 4,800 छात्र एक साथ कोचिंग क्लास में भाग ले सकेंगे।
छात्रों के व्यक्तित्व और रचनात्मक विकास के लिए 700 सीटों की क्षमता वाला अत्याधुनिक ऑडिटोरियम भी बनाया जाएगा। साथ ही, दूर-दराज़ से आने वाले लगभग 1,000 छात्रों के लिए छात्रावास (हॉस्टल) की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।
एजुकेशनल सिटी में खेलकूद और स्वास्थ्य के प्रति रुचि को बढ़ावा देने के लिए एस्ट्रोटर्फ युक्त खेल मैदान और सुसज्जित गार्डन विकसित किए जाएंगे। यातायात की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मल्टी-लेवल पार्किंग की व्यवस्था भी की जाएगी।
मुख्यमंत्री साय ने इसे राज्य की शिक्षा प्रणाली के लिए मील का पत्थर बताया और विश्वास जताया कि यह परियोजना आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय शिक्षा मानचित्र पर विशिष्ट स्थान दिलाएगी।
गौरतलब है कि राज्य गठन के बाद से बिलासपुर शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है। यहां केंद्रीय विश्वविद्यालय, दो राज्य विश्वविद्यालय, आठ महाविद्यालय और सैकड़ों कोचिंग संस्थान संचालित हो रहे हैं, जिनमें प्रदेश भर के 50,000 से अधिक छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं। रेलवे का डीआरएम कार्यालय और एसईसीएल मुख्यालय भी यहां स्थित हैं, जिससे बिलासपुर की पहचान एक प्रमुख शैक्षणिक और प्रशासनिक केंद्र के रूप में बनी हुई है।