
गृह विभाग की समीक्षा बैठक में सीएम साय को सुरक्षा रणनीति की दी गई जानकारी, नक्सल मुक्त गांवों की संख्या भी साझा
छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन को लेकर मानसून सीजन में विशेष रणनीति बनाई गई है। “ऑपरेशन मानसून” के तहत धुर नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बलों की कार्रवाई तेज की जाएगी। बुधवार को मंत्रालय में हुई गृह विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को यह योजना प्रस्तुत की गई, जिसमें नक्सल ऑपरेशनों से लेकर पुलिस आधुनिकीकरण तक कई अहम विषयों पर चर्चा हुई।
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक मोर्चा लेने जा रही है। बरसात के मौसम को ध्यान में रखते हुए इस बार “ऑपरेशन मानसून” चलाया जाएगा, जिसके तहत घने जंगलों और दुर्गम क्षेत्रों में नक्सलियों के विरुद्ध विशेष अभियान संचालित किए जाएंगे। बुधवार को मंत्रालय में हुई गृह विभाग की गोपनीय समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को यह योजना सौंपी गई।
बैठक में गृह मंत्री विजय शर्मा, डीजीपी अरुणदेव गौतम, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह और सचिव राहुल भगत मौजूद रहे। बस्तर से विशेष डीजी विवेकानंद सिन्हा और आईजी पी. सुंदरराज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक से जुड़े।
बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि अब तक कितने गांवों को नक्सल मुक्त किया जा चुका है और आने वाले समय में किस क्षेत्र में कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर भी चर्चा हुई जो नक्सलियों की मुखबिरी करने के चलते निशाने पर हैं। बैठक में गृह मंत्री ने इनामी नक्सलियों की मौजूदा स्थिति की जानकारी ली। सूत्रों के अनुसार, बैठक के बाद एक बड़े ऑपरेशन की संभावना है, जिसे पूरी तरह गोपनीय रखा जा रहा है।
VIP सुरक्षा पर भी चर्चा
बैठक में इंटेलिजेंस रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश के VIP नेताओं की सुरक्षा की समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने राज्य में लागू नए कानूनों की स्थिति, बदलाव की जरूरत और उनके क्रियान्वयन की जानकारी भी अधिकारियों से मांगी।
पुलिस वेलफेयर और आधुनिकीकरण पर जोर
पुलिस के कल्याण और आधुनिकीकरण के लिए आवश्यक उपकरण, संसाधन और बजट पर भी चर्चा की गई। सीएम ने पुलिस इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए डीजीपी को विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए।
7 हजार से अधिक पदों पर होगी पुलिस भर्ती
बैठक में बताया गया कि जल्द ही पुलिस बल में 7 हजार से अधिक पदों पर भर्ती की जाएगी। इसमें 5 हजार आरक्षक, 1 हजार IRB जवान और 1 हजार बस्तर फाइटर की भर्ती प्रस्तावित है। साथ ही पुलिस ढांचे को पुनर्गठित करने की योजना भी सीएम के समक्ष रखी गई।