
“चसोटी गांव में मचैल माता यात्रा से पहले तबाही, NDRF-सेना का बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन जारी”
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चसोटी गांव में मचैल माता यात्रा की शुरुआत से ठीक पहले बादल फटने से भारी तबाही मच गई। अब तक 65 शव बरामद हुए हैं, जबकि 100 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं। राहत-बचाव दल मलबे में दबे लोगों को निकालने में जुटे हैं।
किश्तवाड़, 15 अगस्त 2025। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के पड्डर सब-डिवीजन स्थित चसोटी गांव में 14 अगस्त को दोपहर 12:30 बजे बादल फटने से भारी तबाही हुई। हादसे के समय हजारों श्रद्धालु मचैल माता यात्रा के पहले पड़ाव पर मौजूद थे। अचानक पहाड़ों से आए मलबे और पानी की तेज़ धारा में श्रद्धालुओं की बसें, टेंट, लंगर और कई दुकानें बह गईं।
अब तक 65 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं, जिनमें से 21 की पहचान हो गई है। 167 लोगों को रेस्क्यू किया गया है, जिनमें 38 की हालत गंभीर बताई जा रही है। जिला प्रशासन के अनुसार, 100 से अधिक लोग अब भी लापता हैं।
किश्तवाड़ के डिप्टी कमिश्नर पंकज शर्मा ने बताया कि NDRF की टीमें सर्च और रेस्क्यू में जुटी हैं, जबकि दो अतिरिक्त टीमें रास्ते में हैं। सेना के 60-60 जवानों के पांच दल (कुल 300 जवान), व्हाइट नाइट कोर की मेडिकल यूनिट, जम्मू-कश्मीर पुलिस, SDRF और अन्य एजेंसियां राहत कार्य में लगी हुई हैं।
वहीं, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें आशंका है कि मलबे में 500 से अधिक लोग दबे हो सकते हैं। उनकी पार्टी की एक सदस्य ने दावा किया कि यह संख्या 1000 तक पहुंच सकती है। प्रशासन का कहना है कि राहत और बचाव अभियान युद्ध स्तर पर जारी है, लेकिन मलबे और कठिन भूगोल के कारण ऑपरेशन में समय लग रहा है।