
छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में खेलते वक्त युवाओं की मौत के मामले बढ़े, हार्ट अटैक या साइलेंट कार्डियक अरेस्ट की आशंका
स्वस्थ रहने के लिए खेलना जरूरी है, लेकिन हाल के दिनों में खेल गतिविधियों के दौरान या तुरंत बाद युवाओं की अचानक मौत के मामले चिंता का विषय बनते जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में ऐसे कुछ हालिया मामलों ने लोगों को हैरान कर दिया है, जहां खेल के बाद युवा अचानक गिर पड़े और उनकी जान चली गई। विशेषज्ञ इसे ‘साइलेंट अटैक’ या कार्डियक अरेस्ट मान रहे हैं, लेकिन असली कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही साफ हो पाएंगे।
हेल्थ (डेस्क)। देश के दो राज्यों से ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जहां सामान्य खेलकूद के बाद युवाओं ने अचानक दम तोड़ दिया। पहला मामला मध्य प्रदेश के गुना का है, जहां 20 वर्षीय छात्र शोभित जैन की टेबल टेनिस खेलने के कुछ देर बाद ही गिरने से मृत्यु हो गई। वह जेपी यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस का छात्र था। घटना के बाद परिजन और साथी सदमे में हैं।
दूसरा मामला छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से है, जहां 35 वर्षीय युवक हिमांशु श्रीवास्तव की बैडमिंटन खेलने के बाद अचानक तबीयत बिगड़ी और उन्होंने वहीं दम तोड़ दिया। यह घटना सुबह 6 बजे के करीब सप्रे शाला परिसर स्थित बैडमिंटन कोर्ट में हुई। कुछ देर खेलने के बाद हिमांशु कोर्ट के पास बैठ गए, तभी अचानक बेचैनी महसूस हुई और वे गिर पड़े। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने प्रारंभिक जांच में हार्ट अटैक की आशंका जताई है।
हिमांशु मूलतः भिलाई के निवासी थे और रायपुर के अमलीडीह इलाके में अपने परिवार के साथ रह रहे थे। वे एक निजी कंपनी में कार्यरत थे। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।
कम उम्र में मौत के और भी मामले
इससे पहले भी युवाओं की अचानक मौत के कई मामले सामने आ चुके हैं। नवा रायपुर में मैराथन के दौरान एक सब-इंजीनियर की जान चली गई थी। वहीं खमतराई इलाके में एक किशोर की ट्रेडमिल पर दौड़ते समय मौत हो गई थी। जगदलपुर में भी एक 29 वर्षीय युवक कपिल ठाकुर की अस्पताल में बैठे-बैठे मौत हो गई। कोरबा निवासी विक्रम कुमार की प्रयागराज में कुंभ मेले के दौरान मृत्यु हो गई थी।
क्या कहता है विशेषज्ञ वर्ग?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, साइलेंट हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट का कोई पूर्व लक्षण नहीं होता और यह अचानक शरीर को प्रभावित कर सकता है। युवाओं में जीवनशैली, स्ट्रेस, नींद की कमी, और अनियमित खानपान इसके प्रमुख कारण हो सकते हैं। फिटनेस का मतलब सिर्फ एक्टिव रहना नहीं, बल्कि नियमित जांच और सतर्कता भी जरूरी है।