
18 में से 13 बार प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बने विदेशी; 33% रन और 36% विकेट विदेशी खिलाड़ियों के नाम, ऑक्शन में भी रहा दबदबा
इंडियन प्रीमियर लीग भले ही भारतीय क्रिकेट का सबसे बड़ा मंच हो, लेकिन इसकी चमक और प्रतिस्पर्धा में विदेशी खिलाड़ियों का अहम योगदान रहा है। ताज़ा सीजन में भी विदेशी खिलाड़ियों ने बल्ले और गेंद दोनों से बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए लीग की प्रतिष्ठा में चार चांद लगाए। रन बनाने से लेकर विकेट लेने तक और ऑक्शन की बोलियों से लेकर रिकॉर्ड बुक तक, हर जगह विदेशी सितारे छाए रहे।
खेल(डेस्क)। इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 18वें सीजन में भी विदेशी खिलाड़ियों का जलवा साफ नजर आया। इतिहास गवाह है कि लीग के 18 सीजन में से 13 बार प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब किसी न किसी विदेशी खिलाड़ी ने ही जीता है। क्रिस गेल, एबी डिविलियर्स, सुनील नरेन और राशिद खान जैसे खिलाड़ी IPL की पहचान बन चुके हैं।
इस सीजन में भी विदेशी खिलाड़ियों ने 33% रन और 36% विकेट अपने नाम किए, जबकि संख्या में वे भारतीय खिलाड़ियों की तुलना में केवल एक-तिहाई थे। यही नहीं, ऑक्शन में भी विदेशी खिलाड़ियों पर जमकर धनवर्षा हुई। कुल 639.15 करोड़ के खर्च में से 256 करोड़ रुपए सिर्फ 62 विदेशी खिलाड़ियों को मिले, जबकि 120 भारतीय खिलाड़ियों को शेष 60% राशि मिली।
बल्लेबाजों में साउथ अफ्रीकी, पावर हिटिंग में वेस्टइंडीज और टॉप स्कोरिंग में ऑस्ट्रेलिया आगे
सीजन में कुल 9 सेंचुरी लगीं, जिनमें 2 विदेशी और 7 भारतीय बल्लेबाज़ों के नाम रहीं। वहीं 11 खिलाड़ियों ने 500 से अधिक रन बनाए, जिनमें 3 विदेशी खिलाड़ी भी शामिल हैं। ऑस्ट्रेलिया के मिचेल मार्श ने 627 रन बनाकर विदेशी बल्लेबाज़ों में सबसे आगे रहे। उन्होंने इस दौरान 1 शतक और 6 अर्धशतक जड़े और सबसे ज्यादा 56 चौके लगाए।
वेस्टइंडीज के निकोलस पूरन ने पावर हिटिंग में अपनी पहचान बनाई और टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 40 छक्के लगाए। 500+ रन बनाने वाले विदेशी खिलाड़ियों में उनका स्ट्राइक रेट सबसे ऊंचा रहा। साउथ अफ्रीका के हेनरिक क्लासन ने लीग के आखिरी मुकाबले में केवल 37 गेंदों पर शतक ठोककर सबको चौंका दिया। यह IPL इतिहास का चौथा सबसे तेज शतक रहा।
गेंदबाजी में विदेशी स्पिन और पेस दोनों का दम
अफगानिस्तान के नूर अहमद ने 14 मैचों में 24 विकेट लेकर पर्पल कैप के बेहद करीब पहुंचे। यदि वे एक विकेट और ले लेते तो पर्पल कैप उनके नाम होती। इस सीजन में कुल 18 गेंदबाजों ने 15 से अधिक विकेट झटके, जिनमें 5 विदेशी खिलाड़ी शामिल थे। ऑस्ट्रेलिया के जोश हेजलवुड ने सिर्फ 12 मैचों में 22 विकेट लिए, वहीं न्यूजीलैंड के ट्रेंट बोल्ट ने 127 डॉट बॉल फेंककर किफायती गेंदबाजी की मिसाल पेश की।